अक्सर हम जब भी किसी मंदिर जाते हैं तो पूजा करने के बाद पंडितजी हमारी कलाई पर पचरंगी धागा बांध देते हैं। इसे कुछ लोग मौली या कलावा भी कहते हैं। ये कई जगह पर लाल रंग का भी होता है। इसे बंधवाते समय हम बिना कुछ सोचे समझे इसे बंधवा लेते हैं। कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि इस धागे को बंधवाने से भगवान बीमारियों से रक्षा करते हैं। इस धागे को लेकर लोगों की अलग-अलग तरह की मान्यताएं हैं। आइए आपको बताते हैं कि आपकी कलाई पर बंधे इस धागे से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं और क्यों बांधा जाता है…
आपको ये तो याद ही होगा कि आपने कभी भी कलावे को यानी पचरंगी धागे को ऐसे ही कभी नहीं बांधा होगा। एक निश्चित समय पर ही इसे बांधा होगा या जब कभी आपके घर में कोई पूजा हुई होगी तभी बांधा होगा। आपको बता दें कि कलावा बांधने का भी एक विधान होता है और इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक रहस्य छुपा है।