मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले ही भारत को 22 प्रिडेटर गार्जियन ड्रोन मुहैया होने के आसार लग रहे थे, लेकिन ट्रंप और मोदी की प्रभावी मुलाकात के बाद अब भारत को सुरक्षा की मजबूती मिल गई है। क्योंकि अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन के निर्यात के लिए जरूरी लाइसेंस जारी कर दिया है। हालांकि नरेन्द्र मोदी और ट्रंप की हुई मुलाकात के दौरान ही अमेरिका ने भारत को ड्रोन बेचने की अनुमति दे दी थी, लेकिन अब निर्यात के लिए लाइसेंस जारी करके उन्होंने यह प्रक्रिया पूरी कर दी है। यह ड्रोन भारत की सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस ड्रोन से हिंद महासागर और समुद्री तटरेखा पर निगरानी करने में काफी मदद मिलेगी।
इस संबंध में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि अमेरिका दक्षिण एशिया में सुरक्षा की मजबूती देने के लिए भारत को जरूरी संसाधन एवं तकनीक मुहैया कराएगा। अमेरिका ने भारत को सी गार्जियन यूएवी , अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, और सी-17 परिवहन विमान देने की बात कही थी।
अमेरिका के अहम सहयोगी के तौर पर भारत की मान्यता को स्वीकार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और मोदी ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग प्रगाढ़ करने का संकल्प जताया है। संयुक्त बयान के अनुसार- इसी भागीदारी को प्रदर्शित करते हुए अमेरिका ने समुद्री रक्षा से संबंधित सी गार्जियन अनमैन्ड एरियल सिस्टम की बिक्री के संबंध में भारत के विचार को लेकर अपनी पेशकश की है।