Thursday, August 31st, 2017
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राष्ट्रपति चुनाव : मीरा कुमार देगी कोविंद को टक्कर




Politics

meira kumar declared as opposition candidate against Ram nath Kovind in presidential election

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 16 अपोजिशन पार्टियों की मीटिंग आज दिल्ली में संपन्न हुई। इससे पहले, बुधवार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सोनिया गांधी से उनके घर पर मुलाकात की थी । NDA के कैंडिडेट रामनाथ कोविंद दलित हैं और ऐसे में उसी वर्ग से आने वाली मीरा कुमार को अपोजिशन ने अपना कैंडिडेट बनाया है। मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं।

ऐसा रहा है मीरा कुमार का सार्वजनिक जीवन

पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी और सासाराम से सांसद मीरा कुमार लोकसभाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने वाली देश की पहली महिला है। मीरा कुमार लोकसभाध्यक्ष के पद पर आसीन होने वाली पहली दलित महिला भी हैं। साथ ही वह बिहार से इस पद पर आसीन होने वाली 2री सांसद हैं। इससे पहले 5वीं लोकसभा में बिहार के बलिराम भगत लोकसभाध्यक्ष के पद पर आसीन हुए थे। मीरा कुमार सासाराम संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार और कुल पांचवीं बार संसद में पहुंची हैं।

उच्चा शिक्षा से भी गौरव प्राप्त किया

अंग्रेजी साहित्‍य में स्‍नातकोत्‍तर वर्ष 1945 में पटना में जन्मीं और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज व मिरांडा हाउस से शिक्षा ग्रहण करने वाली मीरा कुमार, कानून में स्नातक और अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। वर्ष 1973 में वह भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए चुनी गईं। इसके बाद स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रहीं लेकिन अफसरशाही उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया।

मायावती और रामविलास पासवान को पराजित किया था

मीरा कुमार ने अपना राजनीतिक सफर यूपी से प्रारंभ किया। वर्ष 1985 में बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में उन्होंने यूपी की पूर्व सीएम मायावती और कद्दावर दलित नेता रामविलास पासवान को पराजित कर पहली बार संसद में कदम रखा। हालांकि इसके बाद हुए चुनाव में वह बिजनौर से पराजित हुई। इसके बाद उन्होंने अपना क्षेत्र बदला और 11 वीं तथा 12 वीं लोकसभा के चुनाव में वह दिल्ली के करोलबाग संसदीय क्षेत्र से विजयी होकर फिर संसद पहुंचीं।

पिता की राजनीतिक विरासत संभालने सासाराम (बिहार) का प्रतिनिधित्व किया

इसके बाद मीरा कुमार ने अपनी जन्मस्थली बिहार को ही अपनी कर्मभूमि बनाने का फैसला किया और अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने सासाराम जा पहुंचीं। सासाराम संसदीय क्षेत्र में 1998 और 1999 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुनिलाल ने उन्हें पराजित कर दिया। परंतु 2004 के लोकसभा चुनाव में पासा पलट गया, मीरा कुमार ने मुनिलाल को 2,58,262 मतों से पराजित कर दिया। उस समय इन्हें पहली बार केन्द्र में मंत्री पद भी प्राप्त हुआ और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।

पति मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में खासी पहचान

5 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में बिहार में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की हवा बह रही थी, उसमें भी मीरा कुमार ने सासाराम सीट को बरकरार रखा तथा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुनिलाल को 45,000 से ज्यादा मतों से पराजित किया। इसके बाद केन्द्र में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए जल संसाधन मंत्रालय सौंपा गया। वह कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी रह चुकी हैं। उनके पति मंजुल कुमार सर्वोच्च न्यायालय में वकील के रूप में खासी पहचान रखते।

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