सऊदी अरब और अन्य तीन खाड़ी देशों ने क़तर को अपने शर्तों की लिस्ट मानने के लिए दी गई समय सीमा को 48 घंटों के लिए बढ़ा दिया है. 13 शर्तों की इस लिस्ट के लिए आख़िरी समय सीमा इससे पहले रविवार को समाप्त हो गई थी. इन शर्तों में समाचार चैनल अल जज़ीरा को बंद करने की भी एक शर्त है. अल जज़ीरा क़तर सरकार का टीवी चैनल है. सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और बहरीन ने क़तर पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं. इन सब का आरोप है कि क़तर चरमपंथ को आर्थिक मदद करता है, जबकि क़तर ने इस आरोप को मानने से इंकार किया है.
शर्तों में तुर्की और ईरान सम्बन्धी मामलों का जिक्र भी
क़तर ने कहा है कि वो सोमवार को इसका औपचारिक जवाब कुवैत को भेजे गए एक ख़त में देगा. कुवैत इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका में है. क़तर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-ताहिनी ने शनिवार को कहा कि हमने शर्तों को मानने से इंकार कर दिया है, लेकिन सही माहौल में हम बातचीत करने को तैयार है. पिछले 2 हफ़्तों से क़तर सऊदी अरब और दूसरे सहयोगी राष्ट्रों की ओर से अभूतपूर्व राजनयिक और आर्थिक नाकेबंदी का सामना कर रहा है. 23 जून को इन 4 देशों ने क़तर को लिस्टेड शर्तों को मानने के लिए 10 दिनों का वक़्त दिया था. इसमें तुर्की में मौजूद सैन्य ठिकाने को बंद करने और ईरान के साथ कुटनीतिक रिश्ते ख़त्म करने की मांग भी शामिल है. मौजूदा संकट में ईरान और तुर्की क़तर को खाना और दूसरे सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं.