अनिल अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने दूरसंचार क्षेत्र के वित्तीय संकट के लिए बड़े भाई मुकेश अंबानी द्वारा संचालित जियो के माध्यम से दी जा रहीं मुफ्त सेवाओं को जिम्मेदार ठहराया है। आरकॉम ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचना में कहा कि टेलीकम्यूनिकेशंस के मौजूदा वित्तीय संकट की वजह कुछ हद तक नई दूरसंचार कंपनी के प्रवेश और उसके द्वारा मुफ्त में दी गई सेवाओं की पेशकेश है, जिससे वह ग्राहक और बाजार में हिस्सेदारी हासिल कर सके।
हालांकि, आरकॉम ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से किसी भी भुगतान में तीन महीने से अधिक देरी नहीं हुई है। कर्ज के बोझ में फंसी आरकॉम ने कहा है कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है जब सूचीबद्ध टेलीकॉम ऑपरेटरों का कर्ज उनके बाजार पूंजीकरण से अधिक हो गया है। आज आमदानी घटने और कर्ज बढ़ने के से टेलीकॉम कंपनियों की कर्ज अदा करने की क्षमता काफी प्रभावित हुई है।
जियो की एंट्री ने टेलीकॉम इंडस्ट्री की सूरत ही बदल कर रख दी :-
1. टेलीकॉम कंपनियों के विज्ञापन खर्च में उछाल :- जियो के इफेक्ट से वर्ष 2016 में टेलीकॉम कंपनियों के विज्ञापन खर्च में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। पिच मैडिसन विज्ञापन रिपोर्ट 2017 के मुताबिक साल 2016 में प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने विज्ञापन में खर्चों को 50 फीसदी बढ़ा दिया था।
2.टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा नुकसान :- इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च के मुताबिक वित्त वर्ष 2018 में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री का रेवेन्यु 20 फीसदी तक घट सकता है। जियो की एंट्री के बाद दिग्गज टेलीकॉम कंपनी आईडीया को तीसरी तिमाही में 385.6 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ। वहीं भारती एयरटेल के मुनाफे में 55 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी।
3. फ्री वॉयस कालिंग और सस्ते डाटा :- रिलायंस के वेलकम ऑफर के नाम पर कई प्रकार के ऑफर्स लॉन्च किए है। इससे पहले कभी इतनी तादाद में कंपनियों की ओर से सस्ते इंटरनेट पैक और फ्री रोमिंग जैसे ऑफर नहीं दिए थे।