ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील को फ्लिपकार्ट ने 80-85 करोड़ डॉलर यानी लगभग 5,500 करोड़ का टेकओवर ऑफर दिया जिसे स्नैपडील बोर्ड ने ठुकरा दिया। फ्लिप्कार्ट ने ये ऑफर, अर्नस्ट एंड यंग द्वारा तैयार रिपोर्ट के आकलन के आधार पर दिया था।
अमेजन और फ्लिपकार्ट की मार्केट में बढ़ती धाक और इन दोनों कम्पनियों से मिल रही कड़ी स्पर्धा से स्नैपडील को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और स्नैपडील का फायदा लगातार कम हो रहा है इन दोनों कंपनियों की तुलना में फरबरी 2016 के वैल्यूएशन में स्नैपडील की वैल्यू 1 अरब डॉलर रही है। सॉफ्टबैंक पहले ही स्नैपडील में अपने निवेश की वैल्यू 1 अरब डॉलर घटा चुका है।
फिर भी, स्नैपडील बोर्ड ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है और कहा कि उसकी साफ आकलन रिपोर्ट को देखते हुए यह राशि बहुत कम है। खबरों के अनुसार अभी पहला ऑफर ठुकराया गया है, लेकिन अभी भी बातचीत जारी है। अभी इस मामले में स्नैपडील, फ्लिप्कार्ट, और निवेशक सॉफ्टबैंक से कोई पुख्ता खबर नहीं आई है। किसी ने भी कुछ भी कहने से इनकार किया है।
स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के बीच यह सौदा हो जाता है, तो यह भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा बन जाएगा, किन्तु स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। स्नैपडील में सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक पिछले कुछ महीने से इस बिक्री सौदे में सक्रिय रूप से प्रमुख भूमिका निभा रहा है। स्नैपडील के बोर्ड में इसके संस्थापक कुणाल बहल और रोहित बंसल, एनवीपी और कलारी कैपिटल के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।