कम्पनियाँ अब अपने एम्प्लॉईज के शरीर में एक खास प्रकार की माइक्रोचिप इम्प्लांट करने वाली हैं। जी हां, एक अमेरिकी कंपनी थ्री स्क्वायर मार्केट (32M) में इसकी शुरुआत हो चुकी है। खास बात यह है कि कंपनी ने अपने 85 में से 50 कर्मचारियों द्वारा उनकी सहमति प्राप्त होने के बाद इस चिप को उनके शरीर के भीतर इंप्लांट करने की प्रोसेस चालू कर दी है। कंपनी के मुताबिक यह चिप लोगों के ID कार्ड की तरह काम करेगी। साथ ही ऑफिस में उनके रोज के जरूरी काम भी आसान कर देगी। इसका आकार चावल के दाने के बराबर होगा, जिसे त्वचा के भीतर डॉक्टर्स इंप्लांट करेंगे।
चिप में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी
थ्री स्क्वायर मार्केट एक वेंडिंग मशीन कंपनी है। यदि कंपनी अपने इस प्रयोग में सफल हो जाती है, तो यह दुनिया की पहली ऐसी कंपनी होगी, जिसने अपने कर्मचारियों के शरीर में चिप को इंप्लांट करवाया जाएगा। कंपनी ने 1 अगस्त से कर्मचारियों के शरीर में चिप इंप्लांट करने का फैसला किया है। कंपनी के मुताबिक इस चिप में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। यह तकनीक इलेक्ट्रोमेगनेटिक फील्ड की मदद से इलेक्ट्रॉनिक रूप से एकत्रित की गई जानकारी को पहचानता है।
चिप NFC (नियर-फिल्ड कम्यूनिकेशन) तकनीक से लैस
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह चिप पूरी तरह से सुरक्षित है, साथ ही कंपनी इसकी मदद से कर्मचारियों की जासूसी भी नहीं करेगी। इसमें GPS भी नहीं है। यह सिर्फ कर्मचारियों की मदद के लिए तैयार की गई है। यह चिप NFC (नियर-फिल्ड कम्यूनिकेशन) तकनीक से लैस है। इस चिप में उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो कि कॉन्टेक्ट लेस क्रेडिट कार्ड और मोबाइल पेमेंट सर्विस में इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी के अनुसार, इस चिप की मदद से कर्मचारी दरवाजे खोलने, अपने कंप्यूटर में लॉग इन करने, फोटो कॉपी मशीन का इस्तेमाल करने जैसे अन्य काम कर सकते हैं।
किसी भी कर्मचारी के लिए अनिवार्य नहीं
कंपनी की ओर से कहा गया है कि शरीर में चिप को इंप्लांट करवाना, किसी भी कर्मचारी के लिए अनिवार्य नहीं है। अगर कोई कर्मचारी इस तकनीक में रूचि रखता है, लेकिन इंप्लांट नहीं कराना चाहता है, तो वह इसे कलाई बैंड या स्मार्ट रिंग में लगा सकते हैं। आपको बता दें कि कंपनी में 85 कर्मचारी हैं, जिसमें से 50 ने इस तकनीक में रुचि दिखाते हुए अपनी सहमति दे दी है। इस डिवाइस को 2004 में FDA से मंजूरी मिल चुकी है। इस डिवाइस को आसानी से लगाया और शरीर से निकाला जा सकता है।