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वो राष्ट्रपति जो धुएं के शौकीन थे, इंदिरा गांधी भी थीं परेशान




वो राष्ट्रपति जो धुएं के शौकीन थे, इंदिरा गांधी भी थीं परेशानPolitics

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एक समय ऐसा था जब बड़े-बड़ें पाईप पीते थे जिसे स्वास्थ के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक भी माना जाता है लेकिन अपने शौक और आदत से मजबूर इसांन छोड़ नहीं पाता है ऐसा ही कुछ देश के पूर्व राष्ट्रपति के साथ भी जिनकी इस आदत से इंदिरा गांधी नफरत करती थी। देश के 13वें पूर्व राष्ट्रपति कांग्रेस के प्रभावी राजनेता थे। अपने राष्ट्रपति पद और राजनीति से रिटायर होने के बाद वह विवादों से दूरी बनाना ही पसंद करते हैं। अब उनका फिर सक्रिय राजनीति में आने का ईरादा नहीं है। कांग्रेस को सरकार और विपक्ष में रहते हुए लंबे समय तक मुश्किलों से निकालने में भी उनका अहम योगदान रहा है। वह मल्टीटेलेंटेड मंत्री थे। वह इकलौते ऐसे मंत्री रहे है जिन्होंने डिफेंस, कॉमर्स, फॉरेन एण्ड फाइनेंस के कार्यालय संभाले हैं। आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब दा के जन्मदिन पर आपको बता रहे उनके जीवन से जुड़ी खास बात –

1. प्रणब दा राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक प्रोफेसर थे। 1963 में विद्यानगर कॉलेज, साउथ 24 परागंस पश्चिम बंगाल में पढ़ाते थे।

2. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब दा ने बंगाल के लोकल न्यूज पेपर में पत्रकार के रूप में भी काम किया है। लोकल न्यूज पेपर का नाम देशर डक था।

3. प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर,1935 को बंगाल कुलीन ब्राह्म्नी परिवार में मिराती गांव में हुआ। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एम ए किया। इसके बाद में एलएलबी किया। यह दोनों उन्हांने यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से किया।

4. 1969 में प्रणब दा को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति में लाई थी। उन्होंने प्रणब दा को गाइड किया था कि राज्य सभा के सदस्य कैसे बन सकते है।

5. प्रणब दा एक ऐसे राष्ट्रपति थे जो ज्यादा से ज्यादा काम ही करते रहते थे। उनकी बेटी शरमिष्टा के अनुसार वह 18 घंटे काम करते और मुश्किल से कभी छुट्टी लेते थे। वह सिर्फ मिराती गांव आते दुर्गा पूजा के दौरान।

6. 1984 में मुखर्जी यूरोमनी मैगजीन के अनुसार ‘बेस्ट फाइनेंस मिनिस्टर’ के रूप में चुने गए। वहीं सिर्फ एक ऐसे फाइनेंस मिनिस्टर चुने गए है जिन्होंने सात बजट पेश किए है।

7. वह एक ऐसे वित्तमंत्री है जो प्री लिब्रराइजेशन और पोस्ट लिब्रराइजेशन के युग में रहे है।

8. प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल में मुंबई के 26/11 हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और 1993 मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा पर फौरन मुहर लगा दी। यानी प्रणब इस रूप में याद किए जाएंगे उन्होंने बतौर राष्ट्रपति तीन बड़े आतंकी अजमल, अफजल और याकूब को फांसी दिलाने में अहम रोल निभाया। कसाब को 2012, अफजल गुरु को 2013 और याकूब मेनन को 2015 में फांसी हुई थी।

9. राष्ट्रपति प्रणब दा ने कोच्चि में छठे केएस राजमणि मेमोरियल लेक्चर में दिल्ली छात्रों द्वारा हिंसा पर दुख जताया था उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता के लिए कोई जगह नहीं है। लेकिन उनके इस बयान से किसी राजनेता ने उनका समर्थन किया तो किसी ने उन पर ही पलटवार कर दिया था।

10. राष्ट्रपति ने इतिहास बनाया जब उन्होंने स्कूल के बच्चों को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर राजनीतिक इतिहास के बारे में पढ़ाया था।

11. अभी तक सिर्फ राजनीति के बारें में सुना लेकिन प्रणब दा को अपने शौक और आदतों में पाइप पीना भी शुमार है। लेकिन उनके यह पाईप पीना का शौक कांग्रेसी नेता देवकांत बरूआ ने पाइप पीने के लिए दिया था यहीं से उन्हें यह आदत पड़ी।

12. प्रणब दा के इस शोक को पूर्व पीएम इंदिरा नफरत करती थी। वह कहती थीं ‘‘प्रणब से कोई चाहे जो कहे, मगर उनके मुंह से धुए के अलावा कुछ नहीं निकलेगा।’’

13. डॉ. ने प्रणब दा को पाईप से परहेज करने को कहा था कि जिसका उन्होंने परहेज किया लेकिन कुछ समय बाद वापस निकोटिन रहित स्मोकिंग पाइप पीने लगे थे।

14. राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्हें करीब 500 पाइप तोहफे में मिले थे। प्रणव दा ने उन्हें राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में दान के तौर पर दे दिया।

15. प्रणब दा को घर पर प्यार से पोल्टू दा बुलाते थे।

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