युद्ध के नायक एयर मार्शल अर्जन सिंह का आज निधन हो गया है। वे 98 साल के थे और दिल का दौरा पडऩे के बाद आज सुबह उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अर्जन सिंह के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। दिल का दौरा पडऩे के बाद उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था।
बता दें कि अर्जन सिंह 1965 भारत-पाक की लड़ाई के नायक रहे थे। सेना में मार्शल रैंक हासिल करने वाले वे एकमात्र अधिकारी थे। महज 44 की उम्र में उन्हें वायु सेना प्रमुख बनाया गया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार वे एकमात्र अधिकारी थे, जिन्हें पंाच सितारा रैंक हासिल थी। यह सेना में फील्ड मार्शल के पद के बराबर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘आर एंड आर अस्पताल जाकर भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का हालचाल जाना जो गंभीर रूप से बीमार हैं। मैंने उनके परिवार के लोगों से भी मुलाकात की।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह के जल्द ठीक होने की हम सब प्रार्थना करते हैं। चिकित्सक उन्हें बचाने के लिए प्रयासरत हैं।’ सीतारमण ने उम्मीद जताई कि सिंह जल्द ठीक हो जाएंगे।
हो चुकी है भारत रत्न तक की मांग-
भले ही अर्जन सिंह आज दुनिया में न हों, लेकिन उनकी वीर गाथाएं सालों तक दुनिया को प्रेरणा देती रहेंगी। बहादुर मार्शल की कहानी ऐसी है कि जीवित रहने के दौरान ही उनके लिए भारत रत्न की मांग हो चुकी है। अब ये मांग दोबारा उठने लगी है। मार्शल अर्जन सिंह देश के नायाब पांच सितारे अफसर थे हीं, लेकिन पंजाब के लिए वह ऐसे महान शख्स थे, जिन्होंने सिख कौम का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। यही वजह थी कि पंजाब के तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल ने काफी मजबूती से मार्शल अर्जन सिंह का नाम भारत रत्न के लिए प्रस्तावित किया था।