Saturday, August 12th, 2017
Flash

रेल के इंजन में लगेगा एयरोप्लेन जैसा सिस्टम, हर मूवमेंट पर रहेगी नज़र




Auto & Technology

train engine

पिछले दिनों काफी काफी रेल दुर्घटनाएं हुई जिसके कारण अब रेल्वे विभाग इन्हें रोकने पर काफी ध्यान दे रहा हैं। रेल्वे विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अब रेल के इंजनों में ऐसा सिस्टम लगाया जाएगा जिसकी मदद से दुर्घटना को रोकना आसान होगा। ये सिस्टम एयरोप्लेन के सिस्टम जैसा होगा।

रेलवे के लोकोपायलटों की इंजन में हर गतिविधि पर अब केन्द्रीय कंट्रोल रूम से पैनी नज़र रखी जायेगी और अगर इंजन पर तैनात लोकोपायलट को एक झपकी भी आयी तो अलार्म बज जायेगा। रेलवे के संरक्षा उपायों के क्रम में लोकोपायलट की तरफ से होने वाली चूक को रोकने के मकसद में रेल इंजनों में अब वीडियो एवं वॉयस रिकॉर्डिंग एवं मॉनिटरिंग सिस्टम (एलसीवीआर) लगाया जा रहा है।

वाराणसी स्थित डीज़ल रेल कारखाने में बनने वाले सभी रेल इंजनों में इस प्रणाली को लगाने का फैसला किया गया है। इस प्रणाली में वीडियो कैमरों, माइक्रोफोन एवं वीडियो रिकॉर्डर और बाहर एक अलार्म भी होता है जो इंजन के कैबिन में लगाया जायेगा। एलसीवीआर इंजन में लोकोपायलट एवं उसके सहायक के बीच के वार्तालाप को भी सुन एवं रिकॉर्ड कर सकेगा।

डीज़ल रेल कारखाने के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड के निर्देश पर अब हर लोकोमोटिव में इस प्रणाली को लगाया जायेगा। जुलाई 2017 से इस प्रणाली से लैस इंजन तैयार होने लगेंगे। इस कारखाने को 12 ऐसे लोकोमोटिव तैयार करने का आदेश मिला है। अधिकारियों ने बताया कि इंजन में कुछ समय पूर्व आईटी आधारित एक समग्र ट्रेन प्रबंधन प्रणाली भी लगायी गयी है जिसे रैमलॉट कहा जाता है।

इसमें दो प्रणालियां -लोकोमोटिव एंड ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (एलटीएमएस) और लोकोमोटिव रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम (एलआरएमएस) होती हैं। रैमलॉट में दो सिम कार्ड (एक जीएसएम और एक सीडीएमए) होते हैं जिसकी सहायता से ये रेलवे के एक केन्द्रीय सर्वर से जुड़े होते हैं। रैमलॉट के माध्यम से इंजन का रियल टाइम डाटा एवं लोकेशन केन्द्रीय कंट्रोल रूम की निगरानी में होता है। इंजन में किसी प्रणाली में कोई खराबी की संभावना के बारे में यह पहले से ही अलर्ट कर देता है। इस प्रकार से बीच रास्ते में इंजन फेल होने की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

इस प्रकार से एलसीवीआर एवं रैमलॉट मिलाकर रेल इंजन में एक ऐसी प्रणाली कायम होगी जो हवाई जहाज़ के ब्लैक बॉक्स जैसा ही काम करेगी। इसको अतिसुरक्षित बनाया गया है। रेल दुर्घटनाओं की जांच में सहायक होने के साथ ही यह दुर्घटनाओं को रोकने में भी कारगर होगी। इंजन ड्राइवर यानी लोकोपायलट को अगर ज़रा सी झपकी भी आयी तो तुरंत अलॉर्म बज जायेगा। इसी प्रकार से लोकोपायलट अगर नशा करता है तो भी इस प्रणाली से उसे तुरंत पकड़ा जा सकता है। रेलवे के नियमों एवं सेवा शर्तों के अनुसार लोकोपायलट के नशे में पाये जाने पर नौकरी से बर्खास्तगी का प्रावधान है।

इसी क्रम में लोकोपायलटों के लिये इंजन में शौचालय बनाना भी शुरू हो गया है लेकिन संरक्षा की दृष्टि से इसे इस प्रकार से बनाया गया है कि लोकोपायलट के इंजन में रहने के शौचालय में होने के दौरान इंजन आगे नहीं बढ़ पायेगा। अधिकारियों ने बताया कि लोकोपायलट को शौचालय तभी इस्तेमाल करने की अनुमति होगी जब गाड़ी खड़ी होगी। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल को दुर्घटना मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और दुर्घटनाओं में मानवीय चूक की गुंजाइश को नई तकनीक के सहारे न्यूनतम करने का प्रयास किया जा रहा है। रैमलॉट एवं एलसीवीआर, लोकोपायलट की वजह से होने वाली चूकों को न्यूनतम करने में बेहद कारगर साबित होंगे।

Sponsored



Follow Us

Youthens Poll

‘‘आज़ादी के 70 साल’’ इस देश का असली मालिक कौन?

    Young Blogger

    Dont miss

    Loading…

    Related Article

    Subscribe

    यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

    Subscribe

    Categories