सरकार ने आज स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति द्वारा ज्वेलर को पुराने आभूषण बेचने पर रिवर्स चार्ज प्रणाली (आरसीएम) के तहत उस ज्वेलर को कर का भुगतान नहीं करना होगा, लेकिन यदि कोई गैर पंजीकृत आपूर्तिकर्ता पंजीकृत आपूर्तिकर्ता को स्वर्ण आभूषण बेचा है तो उस पर आरसीएम के तहत कर का भुगतान करना पड़ेगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि कल जीएसटी की मास्टर क्लास के दौरान इस संबंध में एक सवाल के जबाव में कहा गया था कि जब कोई ज्वेलर किसी उपभोक्ता से पुराने स्वर्ण आभूषण खरीदेगा तो उस पर सीजीएसटी कानून 2017 की धारा 9(4) के तहत आरसीएम के अंतर्गत 3 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
मंत्रालय ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा कि सीजीएसटी कानून 2017 की धारा 9(4) के तहत यदि कोई गैर पंजीकृत आपूर्तिकर्ता ;आभूषण के मामले में एक व्यक्ति किसी पंजीकृत व्यक्ति (ज्वेलर) को कर योग्य वस्तु (जिसमें सोना भी शामिल) बेचता है तो पंजीकृत व्यक्ति को आरसीएम के तहत कर चुकायेगा। इस प्रावधान में इस कानून की धारा सात के साथ धारा 2(105) को भी पढ़ा जाना चाहिए जिसमें वस्तु या सेवाओं की आपूर्तिकर्ता व्यक्ति की व्यख्या की गयी है।
बयान में कहा गया है कि एक व्यक्ति द्वारा पुराना सोना बेचे जाने को उसका कारोबार नहीं माना जा सकता है और इसलिए वह व्यक्ति आपूर्तिकर्ता की योग्यता को पूरा नहीं करता है। इसलिए एक व्यक्ति द्वारा ज्वेलर को पुराने आभूषण बेचने पर सीजीएसटी कानून की धारा 9(4) के प्रावधान लागू नहीं होगा और ज्वेलर इस सौदे पर आसीएम के तहत कर का भुगतान नहीं करेगा। हालांकि, इसमें कहा गया है कि यदि गैर पंजीकृत आपूर्तिकर्ता पंजीकृत आपूर्तिकर्ता को स्वर्ण आभूषण की बेचता है तो आरसीएम के तहत उसकी कर देयता बनेगी।