कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों दो हफ्ते के लिए अमेरिका दौरे पर है। राहुल कल यानी बुधवार को यहां पब्लिक रैली में भाषण देंगे। कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट की इस रैली में अप्रवासी भारतीय भी शामिल होंगे। इससे पहले सोमवार को राहुल ने वॉशिंगटन में प्रो डेमोक्रेटिक पार्टी थिंक टैंक से बातचीत की थी। बातचीत में राहुल ने कहा कि, ‘इन दिनों भारत में इनटोलरेंस और बेरोजगारी दो बड़ी चुनौतियों का मुद्दा है।’ मंगलवार को राहुल प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में एक प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया था। इससे पहले राहुल बर्कले की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में भी एड्रेस कर चुके है। उस समय राहुल ने सवाल जवाब के दौरान परिवारवाद के बारे में बोलकर चर्चा में रहे थे।
यह है खास वजह राहुल के अमेरिका दौरे की
राहुल गांधी का यह दौरा इसलिए खास माना जा रहा है कि क्योंकि इस वक्त दुनिया के कई बड़े नेता यहां यूएन जनरल असेंबली की मीटिंग एटेंड करने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद है। और इस योजना के पीछे सैम पित्रोदा है जिन्होंने राहुल गांधी के दौरे की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि, ‘अमेरिका में मोदी कई पब्लिक मीटिंग कर चुके हैं और यहां उन्हें अप्रवासी भारतीय का सपोर्ट भी रहा है। बीजेपी की कामयाबी के पीछे एक बड़ी वजह ओवरसीज विंग है। अप्रवासी भारतीयों के बीच बीजेपी काफी लोकप्रिय है।’ सैमी पित्रोदा के मुताबिक कांग्रेस की ओवरसीज विंग 18 शहरों में है और पित्रोदा की योजना इस आंकडे को 50 तक पहुंचाने का है। कांग्रेस चाहती है कि यूएस के बड़े शहरों के अलावा यूएई, सऊदी अरब, मलेशिया, ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, कुवैत, मॉरिशस और कनाडा में भी पार्टी की ओवरसीज विंग है। राहुल के साथ में कांग्रेस के नेता शशि थरूर और मिलिंद देवड़ा भी है। 11 सितंबर को वेस्ट कोस्ट से राहुल के प्रोग्राम की शुरूआत हुई थी। जिसमें उन्होंने राजनीति का बचाव करते हुए भारत को वंशवाद कहा था।
किसके हाथ में प्रोग्राम की कमान ?
न्यूयॉर्क मे बुधवार को मैरियट मार्किस होटल में होने वाले प्रोग्राम की स्ट्रेटेजी सैम पित्रोदा के हाथ में है। यह कांग्रेस के ओवरसीज डिपार्टमेंट के चेयरमैन हैं। उनकी कोशिश है कि कांग्रेस अप्रवासी भारतीयों के बीच अपना दायरा बढ़ाए। कांग्रेस ओवरसीज विंग की प्रेसीडेंट सुधा प्रकाश सिंह ने मीडिया को बताया कि इसका मकसद है कि राहुल गांधी अप्रवासी भारतीयों से जुड़े उनका विज़न समझें। ताकि उनकी वो इमेज बदल सकें जो बीजीपे ने उनको सबसे ज्यादा टारगेट करते हुए बनाई है।