राहुल गांधी ने बुधवार को बेंगलुरु में इंदिरा-कैंटीन का शुभारम्भ किया। कर्नाटक सरकार के इस कैंटीन का मकसद गरीबों को सस्ता खाना मुहैया कराना है। यहां 5 रु. में नाश्ता और 10 रु. में खाना मिलेगा। राहुल ने अपनी इनॉगरल स्पीच में कहा कि हम चाहते हैं कि शहर का कोई भी गरीब और कमजोर भूखा न रहे, हालांकि स्पीच के दौरान वे इंदिरा कैंटीन को अम्मा कैंटीन बोल गए। यह वाक़या इसलिए दिलचस्प बन गया है क्योंकि तमिलनाडु में सस्ता खाना मुहैया कराने के मकसद से वहां की AIADMK सरकार ने जयललिता के नाम पर अम्मा कैंटीन शुरू की थी, इससे जयललिता की याद ताज़ा हो गई।
अमीरों के लिए खाना कोई बड़ी बात नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल ने कहा कि बेंगलुरु के कई लोग बड़े घरों में रहते हैं, उनके पास महंगी कारें हैं, उनके लिए खाना कोई समस्या नहीं है। लेकिन यहां के कई लोग मजदूरी भी करते हैं, ऑटो रिक्शा भी चलाते हैं, उनके पास ज्यादा पैसा नहीं होता। इंदिरा गांधी कैंटीन में ऐसे लोग आराम से खाना खा सकेंगे। हम चाहते हैं कि शहर के गरीब और कमजोर लोग भूखे नहीं रहने चाहिए। इंदिरा कैंटीन में भी खाने की वैसी ही क्वालिटी होगी जैसी महंगी कैंटीन में होती है। राहुल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार कर्नाटक के हर जिले में ये कैंटीन खोलने पर विचार कर रही है। हम भरोसा दिलाना चाहते हैं कि राज्य में कोई भूखा नहीं रहेगा। ध्यान रहे कि सीएम सिद्धारमैया ने 198 वार्डों में इंदिरा कैंटीन खोलने के लिए 100 करोड़ का बजट पास किया था।
कैंटीन के लिए 12 बेस किचन
कैंटीन के लिए 12 बेस किचन बनाए गए हैं। यहां 25-30 वैरायटी का खाना तैयार होगा। कैंटीन की डिजाइन को लेकर बीते दिनों विवाद हो चुका है। कुछ कैंटीन बच्चों के खेल मैदान के बगल में हैं, इसको लेकर भी लोगों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि मैदानों के पास नहीं बनाई गई हैं।