भारत के पहले औद्योगपति जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। भारत की पहचान बिजनेस की दुनिया में बनाई वो नाम हैं, जमशेदजी टाटा। टाटा समूह के पहले संस्थापक। इनके बिजनेस को उस दौर में सफलता मिली जब अंग्रेजों का शासन चल रहा था। उस दौर में इन्होंने एक से बढ़कर एक बड़ी मिल और कारखाने चलाए। इनके व्यक्तित्व कि उस जमाने में हर कोई तारीफ करता था, जिसकी खास वजह थी ये अपने श्रमिकों को अपने परिवार का हिस्सा मानकर चलते थे। इन्होंने भारत की महारानी के नाम पर कारखाने की शुरुआत भी की थी। आज इस महान हस्ती की पुण्यतिथि हैं, जानते हैं इन्हें और करीब से-
गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवरेसी में 1839 को इनका जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम नुसीरवानजी व माता जीवनबाई टाटा थी। पारसी पादरियों के अपने खानदान में नुसीरवानजी पहले व्यवसायी थे। भाग्य उन्हें बंबई ले आया, जहां उन्होंने व्यवसाय में कदम रखा । जमशेदजी 14 साल की कम उम्र में ही पिताजी का साथ देने लगे। जमशेदजी ने एल्फिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया और अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने हीरा बाई दबू से विवाह कर लिया। स्नातक पूरा करते हुए ही वे पिता के व्यवसाय में पूरी तरह जुड़ गए। 19 मई 1904 में इनका निधन हो गया था।
महारानी विक्टोरिया के नाम पर शुरु की मिल
जिस दौर में अंग्रेजों का रौब जमा हुआ था और वे लोगों पर अत्याचार करते है इस जमाने में जमशेदजी अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में पिता के साथ लगे हुए थे। 1868 में 21000 रुपए में उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरु किया। सबसे पहले उन्होंने एक दिवालिया तेल कारखाना खरीदा और उसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर दिया। जिसका नाम रखा गया एलेक्जेंडर मिल। दो साल बाद उन्होंने इसे खासे मुनाफें के साथ बेच दिया। इसके बाद में उन्होंने नागपुर में एक रुई कारखाने शुरु किया। उस वक्त महारानी विक्टोरिया ने भारत की रानी का खिताब हासिल किया था, इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी मिल का नाम इम्प्रेस्स मिल रखा, इम्प्रेस्स का अर्थ होता है महारानी।
दूरदर्शी व्यक्तित्व
जमशेदजी एक अलग ही व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्होंने न केवल कपड़ा बनाने के नए-नए तरीके ही अपनाए बल्कि कारखाने में काम करनेवाले श्रमिकों का भी खूब ध्यान रखा। उनके भले के लिए इन्होंने ने अनेक नयी व बेहतर श्रम नीतियां अपनाई। इन नजर से भी वे अपने समय में काफी आगे थे। सफलता खुद उनके कदम चूमती थी।
भारत के औद्योगिक में उनका बड़ा योगदान
भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में जमशेदजी का योग असाधारण महत्व रखता है। इन्होंने भारतीय औद्योगिक विकास का मार्ग ऐसे समय में प्रशस्त किया, जब उस दिशा में केवल यूरोपीय और अंग्रेजों के बिजनेस चलते थे। इंग्लैंड की प्रथम यात्रा से लौटकर इन्होंने चिंचपोकली के एक तेल मिल को कताई-बुनाई मिल में परिवर्तित कर औद्योगिक जीवन का सूत्रपात किया। इनकी एक सबसे बड़ी खासियत रही थी कि ये कभी भी अपने काम से संतुष्ट नहीं होते थे। इसी वजह से वे हर वक्त कुछ नया करने का जोश रखते हैं।