बाबा राघवदास (BRD) मेडिकल कॉलेज में इन 2 दिनों के अंदर कथित तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई रोके जाने के कारण हुई 30 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौतों से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप और लीपा-पोती की इन नकारात्मक खबरों के बीच इसी गोरखपुर शहर से अब एक ऐसी खबर आई है, जो इंसानियत पर भरोसा जगाती है। शहर की एक निजी कंपनी ने एक भी पैसा लिए बिना इस अस्पताल में 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर्स की सप्लाई की। मोदी केमिकल प्राइवेट लिमिटेड नाम की यह कंपनी पहले भी BRD को ऑक्सीजन सिलेंडर्स की सप्लाई किया करती थी, लेकिन इसी साल मार्च में अस्पताल ने उसके साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया था। इसके बावजूद कंपनी के मालिक प्रवीण मोदी ने आगे आकर अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर्स मुहैया कराए। प्रवीण का कहना है कि इंसानियत का फर्ज निभाने के लिए उन्होंने यह किया है।
200-300 सिलेंडर्स की सप्लाई की
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए प्रवीण ने कहा कि जब हमें पता चला कि BRD अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है और इसके कारण बच्चों की मौतें हो रही है, तब हमने इंसानियत को तरजीह देते हुए अस्पताल को करीब 200-300 सिलेंडर्स की सप्लाई की है। प्रवीण की कंपनी का करीब 20 लाख रु. अब भी अस्पताल पर बकाया है। इसके बावजूद उन्होंने यह कदम उठाया है। प्रवीण बताते हैं कि इसी साल मार्च में अस्पताल प्रशासन ने मेरी कंपनी के साथ अपना अनुबंध खत्म कर दिया था और इलाहाबाद की एक कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया था।
लापरवाही की ऐसी मिसाल, जिन्दा इंसान बने लाश
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही है कि अस्पताल के ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले विभाग ने पहले ही सिलेंडर्स की कमी के बारे में प्रशासन को आगाह कर दिया था। इस चेतावनी के बावजूद लापरवाही बरती गई और नतीजा यह रहा कि 2 दिनों के अंदर 30 से ज्यादा मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऑक्सीजन सप्लाई डिपार्टमेंट ने 3 अगस्त और 10 अगस्त को अस्पताल प्रशासन को एक पत्र भेजकर ऑक्सीजन सिलिंडर्स की कमी के बारे में जानकारी दी थी। पुष्पा सेल्स नाम की जो कंपनी अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई करती थी, उसने बकाया बिल का भुगतान नहीं होने के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर्स भेजना बंद कर दिया था।
7 से 11 अगस्त – 5 दिन – 60 लोगों की मौत
शुक्रवार को खबर आई कि 48 घंटे के अंदर अस्पताल के इंसेफेलाइटिस वॉर्ड में भर्ती करीब 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। गोरखपुर के DM राजीव रौतेला ने कहा कि अस्पताल को की जा रही लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण ये मौतें हुईं। उन्होंने सप्लाई करने वाली कंपनी से अपील की कि वह आपूर्ति दोबारा शुरू कर दे। इस खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेज के बचाव में आगे आई। सरकार ने इस घटना की जांच कराए जाने और 24 घंटे के अंदर प्राथमिक रिपोर्ट जारी किए जाने का भी आश्वासन दिया। BRD अस्पताल से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 7 अगस्त से 11 अगस्त के बीच 5 दिनों के अंदर यहां 60 लोगों की मौत हुई है। इन आंकड़ों में उन ऑक्सीजन सिलिंडर्स की भी संख्या है जिन्हें दोबारा भरने के लिए भेजा गया था। इन आंकड़ों से साफ है कि अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की कमी थी।