आमतौर पर अगर आप किसी नए शहर में जाते हैं, तो आपको किराए का मकान तलाशने में काफी समय लग जाता है। लेकिन अब आपको इस समस्या से दो -चार नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि सरकार के नए नियम के चलते अब नए शहर में किराए का मकान ढूंढना एकदम आसान हो जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार जल्द ही एक ऐसी रेंटल पॉलिसी लांच करने जा रही है जिसके तहत शहर में आने वाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराए पर लेने की सुविधा होगी।
इतना ही नहीं भविष्य में उनके पास इस किराए के मकान को ही आसान किस्तों में पूरी कीमत चुकाकर इसे खरीदने का भी विकल्प होगा। हाउजिंग मिनिसट्री के अनुसार इस स्कीम का नाम “rent to own” होगा जिसे केंद्र सरकार की नेशनल अर्बन रेंटल हाउजिंग पॉलिसी के तहत लांच किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरूवार को कहा हे कि इस एक्ट को मंजूरी के लिए जल्द से जल्द कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार निजी जमीन पर बने मकानों को खरीदने पर भी गरीब तबके के लोगों को 1.5 लाख रूपए की सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। मंत्री ने कहा है कि rent to own एक्ट की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद राज्य इस पर काम शुरू करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 2022 तकसभी को आवास मुहैया कराने के सरकार के लक्ष्य के तहत ये बड़ी स्कीम होगी। इस स्कीम के तहत शहर में पलायन कर आने वाली बड़ी आबादी के लिए उचित आवास की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस तरह ले सकेंगे rent to own स्कीम का लाभ-
इस स्कीम के तहत शुरूआत में कुछ दिनों तक घर लीज पर दिया जाएगा। खरीददार को प्रति माह ईएमआई के बराबर किराया बैंक में जमा कराना होगा। इसमें कुछ किराए के तौर पर होगा और बाकी जमा होगा। खरीददार की तरफ से जमा की गई ईएमआई की राशि जब 10 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाएगी तब मकान उसके नाम पर रजिस्टर हो जाएगा। यदि लीज पर लेने वाला व्यक्ति रकम जमा नहीं कर पाता तो सरकार इस मकान को दोबारा बेच देगी। इसके अलावा किराए के साथ जमा की जाने वाली राशि किराएदार को बिना ब्याज के वापस लौटा दी जाएगी।