चीन के साथ भारत के लगातार बढ़ रहे विवाद के बीच सोमवार को हिंद महासागर में भारत, अमेरिका और जापान ने संयुक्त युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। भारत पिछले कुछ दिनों से चीन पर आक्रामक रुख में ही रहा है, उसी बीच अब उक्त संयुक्त अभ्यास शुरू हो गया है। इस अभ्यास को ऑपरेशन मालाबार नाम दिया गया है, तीनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास से चीन भी बौखलाया हुआ है। उसकी इस बौखलाहट का आलम यह है कि उसने भारत को यह गीदड़ भपकी दे डाली कि वह अपनी सेना लेकर कश्मीर में घुस सकता है। पहले ही चीन डोकलाम में भारतीय सेना के आक्रामक रुख से भड़का हुआ है।
मालाबार अभ्यास की गर्जना बीजिंग तक सुनाई देगी
आपको बता दें कि मालाबार अभ्यास दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा नौसेनिक युद्धाभ्यास है. भारत अमेरिका और जापान के जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों के साथ चेन्नई के तट के करीब होने वाला ये अभ्यास दुश्मनों को दहलाने वाला है. इस अभ्यास के दौरान लगभग 20 जंगी जहाज और दर्जनों फाइटर जेट्स मंडराएंगे तो इनकी गर्जना बीजिंग तक सुनाई देगी.
चीन अपनी सेना लेकर कश्मीर में घुस सकता है – चीनी धमकी
भड़के हुए चीन के एक थिंक टैंक ने कहा है कि जिस तर्क से भारत डोकलाम में चीन को सड़क बनाने से रोक रहा है, उसी तर्क से कोई तीसरा देश पाकिस्तान के समर्थन में कश्मीर में भी घुस सकता है। चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी में भारत सम्बंधित अध्ययन केंद्र के निदेशक लांग झिंगचुन ने कहा कि यदि भूटान ने भारत से अपनी रक्षा का आग्रह किया भी था तो यह उसकी सीमा तक होना चाहिए। विवादित इलाकों में भारतीय सेना को नहीं जाना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स में एक लेख लिखकर उन्होंने कहा कि इसी तर्क से यदि पाकिस्तान सरकार किसी तीसरे देश से अनुरोध करती है तो वह अपनी सेना लेकर कश्मीर में घुस सकता है।
डोकलाम विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा सकता है
रीडर्स की जानकारी के लिए बता दें कि चीन पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (POK) के अंदर सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है और उसकी महत्वाकांक्षी परियोजना सीपैक भी POK से होकर गुजर रही है, जिस पर भारत ने आपत्ति भी जताई है। ग्लोबल टाइम्स में छपे अपने लेख के जरिए जिंगचुग ने सलाह देते हुए कहा है कि भारत को समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों की परवाह किए बिना बीजिंग डोकलाम विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा सकता है, क्योंकि पश्चिमी देशों को चीन के साथ कई व्यापार करने है। ऐसा पहली बार है कि चीनी मीडिया में पाकिस्तान और कश्मीर को लेकर ऐसी बात कही गई है। लेख में कहा गया है कि भारतीय सेना ने डोकलाम क्षेत्र में भूटान को मदद करने के नाम पर प्रवेश किया है। लेकिन सच्चाई है कि यहां भूटान को वाकई मदद करने के लिए घुसपैठ की गई है।
डोकलाम विवाद की बेचैनी को संयुक्त सैन्य अभ्यास ने उग्र किया
चीन की डोकलाम विवाद की बेचैनी को इस भारत, अमेरिका और जापान के बीच हिंद महासागर में होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास ने उग्र कर उसे झुंझुला दिया है. वैसे तो उक्त अभ्यास हर साल ही होता है, लेकिन इस बार इस युद्धाभ्यास की धमक चीन को ज्यादा बेचैन कर रही है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती दादागीरी और पड़ोसी देशों के साथ जमीनी और समुद्री सीमाओं को लेकर लगातार बढ़ रहे चीन के विवादों के बीच इन तीनों देशों की नौसेनाओं का ये जंगी अभ्यास चीन को मुकम्मल संदेश देगा कि हिंद महासागर को कोई भी देश अपनी बपौती समझने के मुगालते न पाले.
दोस्त रोमांच का मज़ा लेंगे, दुश्मनों के दिल दहल जाएंगे
अगले करीब हफ्ते भर तक दुनिया की 3 शानदार नौसेनाएं हिंद महासागर में अपना दम दिखाएंगी. दोस्तों के लिए ये नजारा रोमांच से भरा होगा, लेकिन दुश्मनों का दिल संदर में मची इस खलबली से दहल जाएगा. यह संयुक्त अभ्यास 10 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक चलेगा, जिसमें भारत-अमेरिका-जापान की नौसेना शामिल हैं. चेन्नई तट से लेकर बंगाल की खाड़ी तक ये एक्सरसाइज होगी, जिसमें 20 जंगी जहाज, दर्जनों फाइटर जेट्स, 2 सबमरीन, टोही विमान शामिल होंगे. भारत की ओर से इस अभ्यास का सबसे बड़ा आकर्षण होगा एयरक्राफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रमादित्य, 2013 में नेवी शामिल किए जाने के बाद मिग-29 फाइटर जेट्स से लैस आईएनएस विक्रमादित्य इस तरह के पूर्ण सैन्य अभ्यास में पहली बार शामिल हो रहा है.
इस संयुक्त अभ्यास में भारत के प्रमुख शक्ति प्रदर्शक-
एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य, INS सह्याद्रि, INS किर्च, INS शक्ति, INS सतपुड़ा, P-8-I, चेतक हेलीकॉप्टर आदि.
इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिकी शक्ति के प्रमुख सितारे –
एयरक्राफ्ट कैरियर USS निमित्ज, लॉसएंजेलेस क्लास न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, गाइडेड मिसाइल क्रूजर USS प्रिंसटन, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर USS हॉवर्ड, P-8-A एयरक्राफ्ट
इस संयुक्त अभ्यास में जापान शक्ति-संवाहक –
हेलिकॉप्टर कैरियर इजुमो, JS साजानामी