आज भले ही थियेटर यानि रंगमंच की जगह मूवी थियेटर्स ने ले ली हो, लेकिन प्राचीन समय में थियेटर को कला का ही एक मुख्य भाग माना जाता था। यहां इस मंच पर कविताओं, संगीत और नृत्य के जरिए नाटक रचा जाता था। वैसे तो आपने पुराने समय के कुछ मशहूर थियेटर्स के नाम सुने होंगे, जैसे मास्को का बोलशॉई थियेटरसिडनी का ओपेरा हाउस । सालों पुराने थियेटर अब कहां देखने को मिलते हैं, बावजूद इसके दुनिया में कुछ ऐसे प्राचीन थियेटर भी हैं, जिसे समय ने पीछे नहीं धकेला, बल्कि लोगों के मनोरंजन के लिए उसका अस्तित्व बनाए रखा। साथ ही इन थियेटर्स की कलाकारी और मंच को जीवित रख दुनिया के कलाप्रेमियों के लिए खोले रखा। कहने का मतलब ये है कि आज भी जब आप इन प्राचीन थियेटर को देखना चाहें, तो आप यहां आराम से विजिट कर सकते हैं। ये आपको आज भी उतने ही खूबसूरत दिखेंगे, जितना की तब दिखते थे।
बोसरा थियेटर-
साइरिया में बसा बोसरा थियेटर 14वीं शताब्दी के बाद तैयार किया गया था। पर इसका इंफ्रास्ट्रक्चर आज भी वैसा ही है। इसमें 15 हजार के लोगों के बैैठने की व्यवस्था है। दुनिया में कई थियेटर्स अपनी पहचान खो चुके हैं, लेकिन ये थियेटर आज भी अपना अस्तित्व बनाए रखे है। बैठने के लिए 35 रो और तीन स्टोरी सीढिय़ां हैं, जो इसका अस्तित्व आज भी बनाए रखे हैं।
रोमन थियेटर , अम्मान-
जॉडर्न की अगर कोई प्रभावशाली इमारत है, तो वो है अम्मान का रोमन थियेटर, जिसे एंटोनिनस पायस के शासनकाल में बनाया गया था। इस थियेटर में 6 हजार दर्शक एक साथ बैठकर नाटक देख सकते थे। हालांकि इस थियेटर का छोटा सा हिस्सा ही आप आज देख सकेंगे। एंट्रेंस के लिए त्रिकोणीय धनुष जैसा दरवाजा था, जो अब यहां देखने को नहीं मिलेगा। फिर भी जितना हिस्सा इस थियेटर का बचा है, वो वाकई देखने लायक है।
ग्रीक थियेटर ऑफ टोमिना-
सिसली आइलैंड के पूर्वी तट पर एक ग्रीक कॉलोनी थी, जिसे दूसरी शताब्दी बी.सी में यूनानियों ने थिएटर का रूप दे दिया। ये आसपास के सभी खूबसूरत जगहों के शानदार दृश्य का आदेश देता है। आज ये थिएटर सिसली का सबसे बड़ा प्राचीन थिएटरों में से एक है।
द रोमन थिएटर ऑफ ऑरेंज-
पहली शताब्दी एडी में सम्राट अगस्टस के तहत मूल रूप से निर्मित , ऑरेंज रोमन थिएटर 391 एडी में बंद कर दिया गया था। लेकिन फिर से इसे लोगों के लिए चालू किया गया। आज आप इस थियेटर में विजिट भी कर सकते हैं।
द थिएटर ऑफ मेरिडा-
रोमन थिएटर डिजाइन का ये सबसे बेहतरीन उदाहरण है। इस थिएटर में साढ़े पांच हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसे 1970 में फिर से रेनोवेट किया गया था। यहां आज भी कई प्ले और परफॉर्मेंस होती हैं। साथ ही साल में एक बार क्लासिकल थिएटर का फेस्ट भी आयोजित होता है।