Wednesday, September 20th, 2017 17:55:00
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यूं ही नहीं होती शादियों में ये रस्में, छुपे हुए हैं ये वैज्ञानिक रहस्य




Art & Culture

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शादियों में अक्सर कई सारी रस्में होती है जिनसे दुल्हा-दुल्हन को खूब थकान होती है लेकिन यही वो रस्में होती है जिनकी वजह से शादियों का मजा दोगुना होता है। शादियों में कई सारी रस्में होती है जिन्हें लोग कहते है कि आखिर ये की क्यों जाती हैं जैसे मेहंदी लगाना, हल्दी लगाना। लोगों को लगता है कि ये सब ऐसे ही की जाती है। लेकिन आपको बता दें कि इन सबके पीछे भी वैज्ञानिक कारण छिपे हुए है। हम आपको इन्हीं रस्मों के पीछे छुपे वैज्ञानिक कारण को बताने वाले हैं।

हाथों में मेहंदी क्यों लगाते हैं
अक्सर लोग कहते हैं कि हाथों को सिर्फ सजाने के लिए मेहंदी लगाई जाती है लेकिन इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण छुपा हुआ हैं। मेहंदी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। मेहंदी में ठंडक प्रदान करने का गुण होता है जो वर वधू को तनाव, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याओं से आराम दिलाता है। इसके अलावा मेहंदी कई प्रकार के फंगल इनफेक्शन से भी बचाती है।

हल्दी क्यों लगाते हैं?
शादियों के दौरान एक प्रमुख रस्म होती है हल्दी लगाने की। शादी से पहले वर-वधू के चेहरे पर हल्दी लगाने की रस्म होती है, इससे चेहरे पर निखार आता है। इस दौरान हल्दी का लेप भी लगाया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी हल्दी को चमत्कारिक जड़ी-बूटी कहा है, क्योंक इसमें बहुत सारे औषधिय गुण होते हैं जो त्वचा के बैक्टीरिया को नष्ट कर त्वचा में निखार लाते हैं।

चूड़ियां क्यों पहनाते हैं?
शादी के समय चूड़ी पहनाने की भी रस्म होती है जिसका अपना वैज्ञानिक कारण है। दरअसल कलाईयों में कई एक्युप्रेशर पॉइंट्स होते हैं, चूड़ी पहनने पर इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जो आपको स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इसके साथ चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाल घर्षण रक्त संचार सुचारू करता है।

मांग में सिंदूर क्यों भरते हैं?
शादी की रस्मों में सबसे महत्वपूर्ण रस्म है, मांग में सिंदूर भरना। ये स्त्री के शादी-शुदा होने की निशानी हैं। इसके अलावा यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें हल्दी, चूना, कुछ धातु और पारा होता है। जब वधू की मांग में सिंदूर भरा जाता है तो पारा शरीर को ठंडक प्रदान करता है तथा शरीर को आराम महसूस कराता है।

बिछुड़ी पहनना
शादी के दौरान पांवों में बिछुड़ी भी पहनाई जाती है। इसके भी कई वैज्ञानिक कारण हैं। पैर की दूसरी उंगली में एक नस होती है जो गर्भाशय से गुजरती है तथा दिल तक जाती है। बिछुड़ी गर्भाशय को मजबूत बनाती है तथा पीरियड्स को नियमित करती है। बिछुड़ी चांदी की बनी होती हैं जो धु्रवीय ऊर्जा को पृथ्वी से शरीर में स्थानांतरित करती है।

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