नाना पाटेकर के उस डायलाग से शायद ही इंडिया का कोई व्यक्ति परिचित नहीं होगा जिसमें वो कहते हैं कि एक मच्छर आदमी को हिंजड़ा बना सकता है। अब हकीकत की जमीन पर पाटेकर साहब का यह दावा कितना सच्चा है या कितना झूठा। यह तो बाद की बात है, लेकिन अगर आपके कमरे में किसी मच्छर की इन्ट्री हो जाए तो यह तो तय माना जा सकता है कि आपकी उस रात की नींद हराम जरूर हो जाएगी।
और यही कारण है कि हममें आपमें कई लोग रात को मच्छरों को मारने का प्रयास करते रहते हैं। कई तो यहां तक सोचते हैं कि इस दुनिया से मच्छरों के अस्तित्व का ही खात्मा हो जाना चाहिए। लेकिन वास्तव में इस दुनिया से मच्छरों का अस्तित्व खत्म हो जाए तो क्या हो? आज हम अपने इस लेख में आपको बताते हैं–
देखिए इस बात में कोई शक नहीं कि मच्छर ही कई भंयकर रोगों के कारक होते हैं और इनकी ही वजह से इंसान डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोगों से ग्रसित हो जाता है। ऐसे में इन रोगों के कारण हमारे दिलों में जो थोड़ी भी सहानूभूति मच्छरों के प्रति बची है वह भी खत्म हो चुकी हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर इस दुनिया से मच्छरों का अस्तित्व खत्म हो जाए तो इस धरती का पूरा इकोसिस्टम बदल सकता है। यहां यह बातें हम कोई ऐसे ही नहीं बोल रहे हैं बल्कि यह बात वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च के आधार पर कहा है।
मच्छरों पर रिसर्च कर रहे कुछ वैज्ञानिकों ने हाल ही में कहा है कि अगर ये धरती मच्छर मुक्त कर दी जाए तो ये हमारी फ़ूडचैन को किस हद तक डिसबैलेंस कर सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि इससे इंसानों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
लेकिन कई ऐसे जीव हैं मच्छर जिनकी भोजन सामग्री हैं। उनके अस्तित्व पर संकट जरूर मंडरा सकता हैं। दुनियाभर के कई हिस्सों में जहाँ छोटे तालाब या कुए बने रहते है वहां मौजूद आज भी ऐसी कई छोटी मछलियाँ है जो मच्छरों को भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं।
जबकि दूसरी ओर कई तरह के पक्षी, मेंढक और कीडे मकोडे देखने को मिल जायेगे जो इन मच्छरों को खाकर जिंदा रहते हैं और अपना गुज़ारा करते है। इसलिए ये बात तो साबित होती है की अगर इन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया गया तो ये इन छोटे जीक्स जंतुओं की फ़ूडचैन को बिगाड़ देंगे।
इस संदर्भ में यूएस स्टेट ऑफ़ इंडिआना के परड्यू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर कैथरीन हिल का कहना है कि पूरी दुनिया में मच्छरों की सैकड़ो प्रजातियां हैं पर उनमें से कुछ ही ऐसी हैं जो बीमारियों का संक्रमण आकर उन्हें एक जगह से दूसरी जगह फैलाती हैं। शेष प्रजातियों से हम मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं है इसलिए इन्हें पूरी तरह से नष्ट कर देना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होगा।
इस उपाय पर किया जा सकता है विचार
प्रोफेसर कैथरीन ने कहा कि अगर मच्छर जो बीमारी फैलाते हैं उसे ही प्रोड्यूज करने की क्षमता को नष्ट कर दिया जाए तो समस्या का समाधान निकल सकता है। हालांकि इस फार्मूले पर प्रजेन्ट में हो क्या रहा है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।